1.विषय के प्रति रुचि उत्पन्न करके सीखने हेतु प्रेरित करना। 2. विषय को छात्र की योग्यता के अनुसार प्रस्तुत करना। 3.सरल/सहज तरीके से विषय का सम्प्रेषण । 4.छोटी कक्षाओं के छात्रों को बिना व्याकरण के केवल प्रयोगों (ट्रिक्स) के द्वारा अध्यापन। 5.18 वर्षों एवं प्रत्येक स्तर के छात्रों को पढाने का अनुभव। अपने अध्यापन से सम्बन्धित उपर्युक्त सूचनाओं एवं संस्कृत भाषा के प्रतिअपने अन्दर प्रतिदिन बढते ही जा रहे आदर, समर्पण, जुनून के कारण मेरा इस विषय को, प्रत्येक उस व्यक्ति तक पहुंचाना लक्ष्य है, जो इस विषय के प्रति देश मात्र भी जिज्ञासा रखता है।
Subjects
Sanskrit Beginner-Expert
Sanskrit Grammar Beginner-Expert
Sanskrit grammar and literature Beginner-Expert
Sanskrit Language Beginner-Expert
Gita (Shreemad Bhagavad Gita) with Sanskrit Shlok Beginner-Expert
Experience
Assistant Professor (Jul, 2012–Present) at University of Delhi Department of Sanskrit
Assistant professor
Education
Ph.D (Feb, 2000–Dec, 2002) from University of Delhi Department of Sanskrit